भैंस पालन डेयरी फार्म व्यवसाय कैसे सुरु करे: भैंस पालन के लाभ और अन्य जानकारी
आज के ब्लॉग में हम भैंस पालन व्यवसाय से सम्बंदित जानकारी आपके साथ साजा करेंगे। भैंस की डेयरी फार्म व्यवसाय एक परंपरागत ओर पुराना व्यवसाय है। भैंस पालन डेयरी फार्म का व्यवसाय सुरु करने के लिए आपको पशुपालन विभाग से संपर्क करना होगा इसके बाद आप इस व्यवसाय को सुरु कर सकते है। भैंस पालन डेयरी फार्म के व्यवसाय में आप जितनी मेहनत करोगे उतन ही आपको लाभ मिलेगा।
भैंस की डेयरी, भैंस पालन की सम्पूर्ण प्रकिर्या को समझने के लिए इस ब्लॉग को पूरा ओर ध्यान से पढ़े।
भैंस पालन डेयरी फार्मिंग क्या है।
अपना स्वयं का व्यवसाय सुरु करने के लिए भैंस डेयरी व्यवसाय अच्छा उपाय है। लगभग सभी घरों में दूध व दूध से बने पदार्थों का सेवन किया जाता है। इस व्यवसाय को सुरु करने के लिए कुछ भैंसों की आवश्यकता होती है। इन भैंसों के दूध को बेच कर पैसे कमा सकते हैं। और साथ ही गोबर से बनी खाद को किसान अपने खेतो में इस्तमाल कर सकते है और इस खाद को बेच कर भी पासी कमा सकते है। इसके साथ साथ ही गोबर के उपले तथा दूध से- पनीर, दही, घी, मक्खन, मिठाई आदि को बना कर भी बेचा जा सकता है। यह व्यवसाय स्थिर तथा पूरे साल चलने वाले व्यवसायों में से एक है।
भैंस पालन व्यवसाय ऐसे सुरु करे?
भैंस पालन सुरु करने के लिए बहुत साड़ी बातो का धयान में रखना जरुरी है। ये सभी बाते नीचे सूचि में बताई गयी है, सभी बाते कुछ इस प्रकार है:
भैंस पालन डेयरी फार्मिंग सुरु करने के लिए सबसे पहले जगह का चयन करें जहां पर आपको डेयरी खोलनी है। याद रखे जगह साफ़ और समतल होनी चाहिए जिससे भैंस आराम से बैठ या कड़ी हो सके।
फिर आपको जिस नेसल की भैंस रखनी है उसका चयन करना ह। आप चाहे तो एक या उससे ज्यादा नेसल की भैंस रख कर भी व्यवसाय सुरु कर सकते है।
भैंसो की बहुत सी नेसल होती है। आपको जयादा दूध देने वाली भैंस लेनी है जिससे आपकी आय अच्छी हो।
आपको भैंसो की अलग अलग नस्लों के बारे में जानकारी पता होना बहुत जरुरी है तभी आप अच्छी भैंस ले सकते है।
मुर्राह, मेहसाना, सुरती, जाफराबादी, भदावरी आदि नश्लों की भैंस बहुत लोकप्रिय व दुधारू होती है। आप इन्हे रख सकते है।
सभी नेसल की भैंसो की कीमत अलग अलग होती है आप अपने बजट के अनुसार भैंस ले सकते है।
भैंस पालन व्यवसाय के लाभ और मुनाफा
भैंस पालन के लाभ:
भैंस की डेयरी फार्म व्यवसाय को शुरू करने से आपको बहुत लाभ प्राप्त होते है इसकी जानकारी हम आपको नीचे सूची में दे रहे है कृपया ध्यान पूर्वक पढ़े।
भैंस पालन व्यवसाय पुरे साल भर चलने वाला व्यावसाय है।
भैंस की डेयरी व्यवसाय का पर्यावरण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।
भैंस पालन व्यवसाय को शुरू करने के लिए ज्यादा लोगो की आवश्यकता नहीं पड़ती।
डेयरी फार्म, भैंस पालन के माध्यम से आप अपना खुद का व्यवसाय शुरुआत कर सकते हैं।
भैंस के गोबर का उपयोग खेतो में खाद के रूप में किया जाता है।
भैंस के गोबर का उपयोग बायोगैस बनाने में किया जा सकता है।
भैंस की डेयरी फार्म को सुरु करने के लिए आप बैंक से लोन भी ले सकते है।
सरकार द्वारा डेयरी फार्मिंग सम्बन्धित बहुत सी योजनाओं को शुरू किया जाता है। आप उन योजनाओं का लाभ ले सकते है।
भैंस पालन से मुनाफा:
भैंस पालन, डेयरी फार्मिंग आप काम भैंसो में भी शुरू कर सकते है। भैंस की डेयरी में मुनाफा आप पर निर्भर करता है। मान लीजिये अगर आपके पास 10 भैंस है। और प्रत्येक भैंस हर दिन 10 लीटर दूध देती है। तो 10 पशु एक दिन में 100 लीटर दूध देंगे। और आप दूध को 70 रुपये लीटर बेचते है तो प्रतिदिन आप 7,000 रुपये का दूध बेचेंगे, इसमें से यदि भैंसो के चारे के लिए 4 हजार रूपए खर्च करते हैं। 1 हजार रूपए भैंसो की देख-भाल व साफ़-सफाई में खर्च करते है तो इसके बाद प्रतिदिन आप के पास 2000 रुपये की बचत होती है और महीने के 60,000 रूपए की बचत होती है। यदि इनके आलावा आप अधिक पशुओं का पालन करते हैं तो आप प्रतिदिन इससे ज्यादा कमाई कर सकते हैं।
भैंस पालन व्यवसाय से जुडी कुछ महतवपूर्ण जानकरी।
भैंस पालन, डेयरी फार्मिंग व्यवसाय सुरु करने के लिए आपको कुछ बातो का धयान रखना होता है। नीचे दी गयी जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़े।
भैंसो के लिए चारा
भैंस की डेयरी फार्मिंग में भैंसो के लिए भूसे व हरे चारे का प्रयोग करे तथा इन चारो में पोषक तत्व पूर्ण मात्रा में होना चाहिए। पशुओं को समय-समय पर चारा देना चाहिए इसके अलावा आप भैंसो को खेतों में घास भी खिला सकते हैं। चारे में अधिक से अधिक हरे चारे का प्रयोग किया जाना चाहिए। आपको भैंस के लिए ऐसे चारे का प्रयोग करना चाहिए जिसमे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा भरपूर मात्रा में होना चाहिए। इसके अलावा आप पशुओ को खल, बिनौले आदि भी दे सकते है।
भैंस की नस्लों का चयन
भैंस पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले भैंस की नस्लों की अच्छी नस्लों का पता होना चाहिए। भैंसो की सभी नश्लों की कीमत के साथ साथ दूध देने की मात्रा भी अलग-अलग होती है इसलिए आपको उन नस्लों की भैंस का चयन करना चाहिए जिनसे आपको ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके। अलग-अलग शहरों में अलग-अलग जलवायु होने के कारण शहरों में रहने वाली भैंस ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं रह पाती हैं। इसलिए भैंस लेने से पहले जलवायु पर भी ध्यान देना चाहिए। आपको भैंस की नस्ल का चयन जलवायु को देख कर करना चाहिए।
भैंसों की नस्ले -:
मुर्रा: यह भैंस भारत की सबसे अच्छी नस्ल की दुधारू भैंसो में से एक है। यह भैंस भारत के सभी हिस्सों में पायी जाती है। इस भैंस का गृह क्षेत्र हरियाणा के रोहतक, हिसार, जिन्द व करनाल तथा दिल्ली व पंजाब हैं। इसका विशिष्ट रंग जेट काला है। इस नस्ल की मुख्य विशेषता छोटे मुड़े हुए सींघ तथा खुर व पूँछ के निचले हिस्से में सफेद धब्बे का होना हैं।
जाफराबादी: इस नस्ल की भैंस का प्रजनन प्रक्षेत्र गुजरात के कच्छव, जामनगर जिले है। यह भैंस की सबसे भारी नस्ल है। इसके अग्र सिर में सफेद निशान होता है जो 'नव चन्द्र' के नाम से जाना जाता है।
सुरती: सुरती भैंस की नस्ल का गृह क्षेत्र गुजरात है। यह भैंस अपनी छोटी शारीरिक बनावट के कारण भूमिहीन, छोटे व सीमान्त किसानों में बहुत प्रचलित हैं। इस नस्ल की भैंस के सींग हाँसियाकार होती है।
भैंस की डेयरी फार्मिंग व्यवसाय के लिए जगह
अगर आप भैंस पालन का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो आपके पास भैंस की डेयरी खोलने के लिए खुली जगह होनी चहिये जहां आप अपनी भैंस को रख सकें। यदि आपके के पास 50 वर्ग फीट जगह है तो वे केवल एक या दो भैंस का ही पालन कर सकते है। परन्तु यदि ज्यादा भैंस रखना चाहते है तो इसके लिए आपको ज्यादा जगह की आवश्यकता होगी। जिसके लिए कम से कम 1000 से 3000 वर्गफीट तक की जगह या इससे अधिक होनी चाहिए। पशुओं को रखने के लिए ऐसे जगह पर बाड़ा बनाये जहां ऑक्सीजन की प्राप्त मात्रा हो।
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